कया ये हमारे बलाते हुए भारत का नया रूप है?
या ये कहें की हमारे समाज के बदलते हुए परीवेश का।
गाँधी के इस देश में जहाँ रोटी,
कपडा और मकान यहाँ के लोगो की ज़िंदगी का हीस्सा है,
हमारे इस आधुनीक जीवन शैली मे और भी कुछ है।
साल के शुरुवात में टाटा मोटर्स ने दुनीया की सबसे सस्ती कार पेश की।
और कहा की ये माध्यम वर्ग का सपना है।
हकीकत तो ये है की आज भी देश में कुछ ऐसे लोग है जो की एक सेकंड हैण्ड स्कूटर भी नही खरीद सकते है।
बेशक टाटा मोटर्स ने एक नयी सुरुवात की है ,
लेकीन इसे वास्तविकता में अभी और समय लगेगा। देश में कई घर ऐसे भी है जहाँ कार तो दूर , उन गलियों में स्कूटर भी नही जा सकता। ऐसे में इस एक लाख की कार को रखना भी किसी मुसीबत से कम नही। कया हमारा देश इन सब के लीये तैयार है।